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Inbound Marketing एक ऐसी strategy है जो आपके ब्रांड को ऑर्गेनिक कंटेंट बनाने में मदद कर सकती है। इससे Audience की संख्या में वृद्धि हो सकती है और ब्रांड की appearance में सुधार हो सकता है।

Inbound Marketing क्या है?

इनबाउंड मार्केटिंग एक तरीका है जिससे आप डिजिटल मार्केटिंग के जरिए अपने बिजनेस की तरफ ग्राहकों को खींच सकते हैं. इसमें आप ऐसी उपयोगी चीज़ें और अनुभव बनाते हैं जो लोगों को पसंद आएं. यहां सीधे विज्ञापन दिखाने की बजाय, जानकारी देने और कंटेंट बनाने पर ज़ोर दिया जाता है.

इससे आप ग्राहकों को अपनी ब्रांड के प्रोडक्ट के अलावा, सीखने का सामान, मनोरंजक चीज़ें, या उनसे बातचीत करने के मौके दे सकते हैं. इससे ग्राहकों को आपकी कंपनी के साथ जुड़ाव महसूस होता है.

इनबाउंड मार्केटिंग की योजना बनाने के लिए, सबसे पहले ये समझना ज़रूरी है कि ग्राहकों को उनके हर कदम पर आप कौन सी जानकारी दे सकते हैं. इसके लिए ग्राहक जर्नी मैप बनाना मददगार होता है. इस मैप में ग्राहक के अनुभव के हर पड़ाव को दिखाया जाता है, जैसे उन्हें पहली बार पता चलना, कोई चीज़ खरीदना और बाद में दूसरों को बताना.

अपने ब्रांड के लिए कंटेंट कैलेंडर और प्रचार योजना बना लेने से भी इनबाउंड मार्केटिंग की रणनीति व्यवस्थित रहती है. इससे आप ये भी नाप सकेंगे कि आपका अभियान कितना सफल रहा. साथ ही, इससे आपको नए तरह का कंटेंट बनाने और उसे अलग-अलग तरीकों से लोगों तक पहुंचाने में भी मदद मिलेगी. हर जगह ग्राहकों तक पहुंचने के लिए, आप अलग-अलग तरह का कंटेंट बना कर देख सकते हैं और उसे फैलाने के नए रास्ते अपना सकते हैं.

हालांकि इनबाउंड मार्केटिंग सीधे तौर पर ज़्यादा लीड्स या Sales बढ़ाने का काम नहीं करती, फिर भी ये किसी भी बिजनेस की डिजिटल मार्केटिंग Planning का अहम हिस्सा हो सकती है. इनबाउंड मार्केटिंग का असली मकसद ब्रांड अवेयरनेस बढ़ाना होता है, जिसे सीधे तौर पर नापना मुश्किल है, लेकिन ये फिर भी बहुत ज़रूरी है.

Inbound Marketing क्यों जरुरी है?

इनबाउंड मार्केटिंग ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने वाली Planning है। इसमें कंटेंट मार्केटिंग, ईमेल मार्केटिंग, सोशल मीडिया मार्केटिंग और डिजिटल मार्केटिंग जैसी अलग-अलग मार्केटिंग तकनीकें शामिल होती हैं. इन सबको इनबाउंड मार्केटिंग Planning के साथ मिलाने से काफी फायदे हो सकते हैं.

आसान शब्दों में कहें तो इनबाउंड मार्केटिंग सीधे बेचने के बारे में कम और आपके ब्रांड और Products के बारे में अच्छी जानकारी देने वाले कंटेंट बनाने के बारे में ज्यादा है. इससे ग्राहक खुद ही आपकी तरफ आकर्षित होते हैं.

आजकल ज्यादातर ग्राहक ऑनलाइन चीज़ों के बारे में जानकारी ढूंढते हैं. हाल ही में अमेज़न के सर्वे में 50% से ज्यादा लोगों ने बताया कि वो ऑनलाइन ही प्रोडक्ट्स रिसर्च करते हैं. इनबाउंड मार्केटिंग की मदद से आप ऐसे हालात के लिए तैयार हो सकते हैं. इसके लिए अपनी वेबसाइट और सोशल मीडिया पर वो सारी जानकारी और जरूरी चीज़ें डाल दें जिन्हें ग्राहक ढूंढ रहे हैं.

inbound and outbound marketing में क्या अंतर है?

आपके ग्राहक क्या चाहते हैं, इनबाउंड मार्केटिंग उसी को पूरा करने में मदद करती है. इसमें अलग-अलग तरीके शामिल होते हैं, जैसे – बढ़िया जानकारी देने वाला कंटेंट बनाना (कंटेंट मार्केटिंग), ईमेल भेजना (ईमेल मार्केटिंग), सोशल मीडिया पर जुड़ना (सोशल मीडिया मार्केटिंग) और डिजिटल मार्केटिंग. इन सबको इनबाउंड मार्केटिंग के साथ मिलाकर करने से बहुत फायदे हो सकते हैं.

आसान भाषा में कहें तो इनबाउंड मार्केटिंग सीधे सीधे बेचने के बारे में कम है. ज़्यादा फोकस आपके ब्रांड और बेची जाने वाली चीज़ों के बारे में अच्छी जानकारी देने वाले कंटेंट बनाने पर होता है. इससे ग्राहक खुद ही आपकी तरफ आकर्षित होते हैं और आपसे जुड़ते हैं.

जब कोई चीज़ खरीदने से पहले लोग ऑनलाइन जानकारी ढूंढते हैं, तो इनबाउंड मार्केटिंग उनकी मदद करता है. एक सर्वे में पता चला कि आधे से ज्यादा लोग ऑनलाइन ही चीज़ों के बारे में जानकारी जुटाते हैं! इनबाउंड मार्केटिंग का मतलब है कि कंपनियां अपनी वेबसाइट या सोशल मीडिया पर ऐसी जानकारी पहले से डाल दें ताकि लोगों को ढूंढने में आसानी हो.

इस तरह से कंपनियां लोगों को अपनी तरफ खींचती हैं और उन्हें जबरदस्ती विज्ञापन नहीं दिखाना पड़ता. साथ ही, अच्छी जानकारी देने से ग्राहकों का विश्वास भी बनता है.

इनबाउंड मार्केटिंग के क्या लाभ हैं?

इनबाउंड मार्केटिंग के फायदे इस बात पर निर्भर करते हैं कि आप अपने ग्राहकों को कितनी अच्छी जानकारी देते हैं. इसमें कई तरह की चीज़ें शामिल हो सकती हैं, जैसे आपके प्रोडक्ट का descriptions, विज्ञापन और आपकी वेबसाइट पर मौजूद और जानकारी.

इनबाउंड मार्केटिंग में आप ग्राहकों को अपने ब्रांड, प्रोडक्ट और उनकी जरूरत से जुड़ी जानकारी देकर आकर्षित करते हैं. हालांकि ये बताना मुश्किल है कि इनबाउंड मार्केटिंग से कितना फायदा हुआ, लेकिन आप कुछ तरीकों से अंदाजा लगा सकते हैं.

  • आपके कितने ग्राहक दुबारा वेबसाइट पर आते हैं या खरीददारी करते हैं?
  • ग्राहक आपके ब्रांड के बारे में क्या सोचते हैं, ये जानने के लिए उनका सर्वे या इंटरव्यू करें.

इनबाउंड मार्केटिंग का सबसे बड़ा फायदा ये है कि इससे आप अपने ब्रांड की पहचान बना सकते हैं और ग्राहकों से सीधे बातचीत कर उनका विश्वास जीत सकते हैं.

साथ ही, आप जो जानकारी देते हैं वो आपकी वेबसाइट को Search Engine में ऊपर लाने में भी मदद करती है. आप ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करें जिन्हें लोग ऑनलाइन सर्च कर रहे हैं.

इनबाउंड मार्केटिंग के फायदे :

  • ग्राहक बार-बार वेबसाइट पर आते हैं या खरीददारी करते हैं
  • आपके ब्रांड की पहचान बनती है
  • ग्राहकों का भरोसा जीतते हैं
  • आपकी वेबसाइट सर्च रिजल्ट में ऊपर आती है

इनबाउंड मार्केटिंग के उदाहरण

इनबाउंड मार्केटिंग कई तरीकों से किया जा सकता है, जिन्हें कंटेंट मार्केटिंग स्ट्रैटेजी कहते हैं. ये तरीके आसान भाषा में ऐसे हैं:

  • अपनी बनाई चीज़ें: आपकी कंपनी की वेबसाइट या सोशल मीडिया पर – ब्लॉग लेख, ऑनलाइन सेमिनार (वेबिनार), (इन्फोग्राफिक्स), और नियमित ईमेल (न्यूज़लेटर्स).
  • दूसरी जगहों पर चर्चा: अगर आपका ब्रांड या उत्पाद किसी अखबार, मैगजीन या दूसरी वेबसाइट पर चर्चा में है, तो वो भी इनबाउंड मार्केटिंग का हिस्सा है.
  • ईमेल मार्केटिंग: ये उन लोगों को सीधे ईमेल भेजने का तरीका है जो आपकी कंपनी के बारे में जानने में दिलचस्पी रखते हैं.
  • सोशल मीडिया: अपने ब्रांड से जुड़े हैशटैग और लोगों द्वारा बनाई गई सामग्री (यूज़र जनरेटेड कंटेंट) भी इनबाउंड मार्केटिंग में आते हैं.

कुल मिलाकर, कोई भी चीज़ जो आपके ब्रांड या उत्पाद को दिखाती या बताती है, वो आपकी पहचान बनाने और बिना दबाव के विज्ञापन करने में मदद करती है!

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